सब जानकारी के बावजूद रश्मि जी का जो गुण गाँन आपने किया उसे हम अपने ऊपर ‘ जले पे नमक छिड़कना ' ना समझें तो क्या समझें? खैर आपने यशवन्त को पहले भी पूना मे नौकरी करने का आफ़र किया था।
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अभिन्न मित्र हैँ लेकिन फिर भी मैँ यही कहूँगा कि आपने मेरे साथ अच्छा नहीं किया।अरे!... सच्चे दोस्त वो होते हैँ जो वक्त-ज़रूरत पर दोस्ती के लिए खुद को कुर्बान करने से भी पीछे नहीं हटरे और कुछ दोस्त आप जैसे नामुराद भी होते हैँ जो मौका देखते ही जले पे नमक छिड़कना नहीं भूलते।